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Officiating Principal / कार्यवाहक प्राचार्य

डॉ0 अलका सैनी

महाविद्यालय की गौरव शाली प्रगति यात्रा के स्वर्णिम 17 वर्ष

         विश्व प्रसिद्ध धार्मिक शहर हरिद्वार से मात्र 18 कि0 मी0 दूर हरिद्वार-सहारनपुर मार्ग पर गंगानहर की प्रवाहित हो रही अविरल धारा के किनारे प्राकृतिक सौन्दर्य के बीच धनौरी ग्राम में स्थापित यह महाविद्यालय हरिद्वार जिले के पुराने महाविद्यालयों में से एक है और विगत 17 वर्षों से शिक्षा के क्षेत्र में अपनी अग्रणी भूमिका निभा रहा है। हरिद्वार की शिक्षा नगरी कही जाने वाली रूड़की से मात्र 10 मिनट में सड़क मार्ग द्वारा महाविद्यालय तक आसानी से पहंुचा जा सकता है ।


इस ग्रामीणांचल में शिक्षा का विकास व प्रचार प्रसार करने, क्षेत्र के छात्र-छात्राओं में सामाजिक-सांस्कृतिक विकास व राजनीतिक चेतना पैदा कर उनका चारित्रिक निर्माण करने केउद्देश्य से 70 वर्ष पहले सैनी विद्यार्थी संघ ने वर्ष 1951 में जो संकल्प लिया था उसी को साकार करने के उद्देश्य से क्षेत्र के प्रबुद्ध व्यक्तियों और समाज सेवियों-बाबू श्री तेलूराम सैनी जी(एम0एल0सी0), डाॅ0 पृथ्वी सिंह विकसित जी(पूर्व मंत्री), श्री जे0एन0 सिन्हाजी, वैद्य बलवीर सिंह जी, प्रधान श्री अमीर सिंह जी, बाबू मंगतराम जी, श्री चन्द्रकांत एडवोकेट जी,श्री न्यादर पुरी जी, श्री बाबूराम जीआदि ने मिलकर एक ट्रस्ट के माध्यम से वर्ष 1956 में नेशनल जूनियर हाईस्कूल की स्थापना की जो विकास पथ पर निरन्तर आगे बढ़ते हुए आज नेशनल इण्टर काॅलेज धनौरी के रूप में समूचे घाड़ क्षेत्र में सुप्रतिष्ठित और सुविख्यात है। ट्रस्ट द्वारा शैक्षिक विकास की यह यात्रा इसके पश्चात भी अनवरत जारी रही और क्षेत्र में उच्च शिक्षा का अभाव देखते हुए नेशनल इण्टर काॅलेज के पूर्व प्रधानाचार्य और प्रसिद्ध समाज सेवी स्व0 डाॅ0 पृथ्वी सिंह विकसित (पूर्व मंत्री) जी ने अपनी दूरदर्शिता, दृढ़ संकल्प के साथ लगन और कड़ी मेहनत से धनौरी डिग्री काॅलेज की स्थापना की। अपने स्थापना वर्ष 2004 में महाविद्यालय के कला संकाय को 7 विषयों हिन्दी, अंग्रेजी, समाज शास्त्र, राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र, ड्राइंगपेंटिग (चित्रकला) और भूगोल के साथ विश्वविद्यालय से विधिवत मान्यता मिली और अगले ही वर्ष 2005 में महाविद्यालय ने प्रगति करते हुए गणित वर्ग और जीव विज्ञान वर्ग से विज्ञान संकाय की भी विधिवत् मान्यता प्राप्त कर ली ।
डाॅ0 पृथ्वी सिंह विकसित जी द्वारा लगाये गये इस शैक्षिक वट वृक्ष को वर्तमान में उनके सुपुत्र और हमारी प्रबन्ध समिति के माननीय सचिव श्री आदेश कुमार सैनी द्वारा निरन्तर अपने अथक प्रयासों से और विस्तारित किया जा रहा है और इसी प्रयास के चलते वर्ष 2019 में महाविद्यालय में स्नात्तकोत्तर पाठ्यक्रम की शुरूआत हुई । वर्तमान में धनौरी पी0जी0 काॅलेज में बी0ए0, बी0एस0सी0 की स्नातक कक्षाओं के अतिरिक्त 7 विषयों,हिन्दी, अंग्रेजी, समाजशास्त्र, राजनीतिशास्त्र, अर्थशास्त्र, ड्राइंगपेंटिग (चित्रकला) और भूगोल में एम0ए0 पाठ्यक्रम संचालित किया जा रहा है तथा भौतिक विज्ञान, जन्तुविज्ञान, वनस्पतिविज्ञान, रसायन विज्ञान और गणित विषय में एम0एस0सी0 की कक्षाएं भी संचालित की जा रही हैं। इसके अलावा माननीय सचिव जी के नेतृत्व में प्रबन्ध समिति ने वर्ष 2019 में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए डाॅ0 पृथ्वी सिंह विकसित महाविद्यालय की स्थापना की और इसके साथ ही महाविद्यालय में बी0एस0सी0 ए0जी0(एग्रीकल्चर)और बी0काॅम आॅनर्स की कक्षाओं का भी विधिवत् संचालन हो रहा है। इन पाठ्यक्रमों की शुरूआत से क्षेत्र के युवाओं को न केवल आधुनिक शिक्षा का लाभ मिलेगा वरन् उन्हें रोजगार के नये अवसर भी आसानी से प्राप्त हो सकेंगे।


प्रकृति के सुरम्य और प्रदूषण रहित पर्यावरण में स्थित महाविद्यालय का शैक्षिक वातावरण भी अत्यन्त सुसंस्कृत, सकारात्मक और समृद्ध है। यहां के सभी शिक्षक यू0जी0सी0 और राज्य विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित अर्हता को धारित करते हैं और विद्यार्थियों को संस्कारयुक्त उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करते हैं।महाविद्यालय का परीक्षा फलस दैव उत्कृष्ट रहता है जो इसकी गुणवत्ता का एक प्रमाण है ।महाविद्यालय में आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित एवं समृद्ध प्रयोग शालाएं हैं जहां विद्यार्थियों द्वारा विभिन्न प्रकार के प्रयोग/नवोन्मेष किये जाते हैं ।महाविद्यालय में पर्याप्त हवादारऔरप्रकाश युक्त कमरे हैं जहां आधुनिक फर्नीचर की व्यवस्था की गयी है।महाविद्यालय का पुस्तकालय अत्यन्त समृद्ध औरआकर्षक है जहां विविध विषयों की गुणवत्ता पूर्ण लगभग 10 हजार पुस्तकें उपलब्ध हैं जिनसे विद्यार्थी अपना ज्ञान वर्धन करते रहते हैं ।


महाविद्यालय का अनुशासन सर्वोत्तम और अनुकरणीय है। महाविद्यालय का प्रशासन छात्र/छात्राओं को भयमुक्त और साफ-सुथरा माहौल उपलब्ध कराने के लिए सदैव कटिबद्ध है। इसके अतिरिक्त महाविद्यालय में विद्युत व्यवस्था, पीने की स्वच्छ पानी की व्यवस्था, छात्र-छात्राओं के लिए अलग अलग स्वच्छ/सुरक्षित शौचालय की व्यवस्था तथा बिजली जाने पर जनरेटर की व्यवस्था भी उपलब्ध है । महाविद्यालय की खास विशेषता यह हैकि यहां छात्र/छात्राओं को न केवल शिक्षा प्रदान की जाती है वरन् उन्हें बेहतर भविष्य की ओर उन्मुख करने के लिए उनकी रूचि और योग्यताको ध्यान में रखते हुए कैरियर कांउसिलिंग भी दी जाती है जिससे विद्यार्थी को अपने भविष्य की राह चुनने में मदद मिल सके । इसके साथ ही यहां कमजोर छात्र/छात्राओं के उत्थान पर विशेष ध्यान दिया जाता है । हमारे यहां से शिक्षा प्राप्त कर हमारे छात्र/छात्राएं संस्कारी और आत्म निर्भर बनें और समाज व राष्ट्र की सेवा और विकास में अपना योगदान दें ; यही हमारे महाविद्यालय का उद्देश्य भी हैऔर सार्थकता भी।


नव प्रवेशित छात्र/छात्राओं को उनके उज्जवल भविष्य के लिए हार्दिक शुभकामनाएं।

 

कार्यवाहक प्राचार्य
डॉ0 अलका सैनी

एम.एससी, एम.एड, एम.ए., नेट, एसएलईटी, पीएच.डी

धनौरी पी0जी0 काॅलेज
धनौरी-हरिद्वार-उत्तराखण्ड

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